कम्प्युटर विकास की पीढीया
या जेनरेशन
कम्प्युटर के विकास का मापदण्ड
किस प्रकार निर्धारित किया जाये थोडा कठिन है परन्तु हार्डवेयर के आधार पर कम्प्युटर
के विकास को पांच पीढीयेां मे बाटा गया है—
1 प्रथम पीढीया ( 1942 - 55 )
2 द्वीतीय पीढीया(1956-64)
3 तृतिय पीढी(641965-75)
4 चतुर्थ पीढी(1976 - 89)
5 पंचम पीढी( 1990 – से अब तक)
प्रथम जेनेरेशन या प्रथम पीढी
का कम्प्युटर (1942 से लेकर 1955 तक)
वर्ष—1942 से 19555
स्विचिंग डिवाइस—वैक्युम टयुब
स्टोरेज डिवाइस— पंचकार्ड तथा पेपर टेप
गति—333 माइक्रो सेकण्ड
आपरेटिंग सिस्टम—बैच आपरेटिंग सिस्टम
भाषा—मशीनी भाषा (बाइनरी भाषा)
विशेषताएं—
1 सीमित मुख्य भण्डारण क्षमता
2 मन्द गति से इनपुट आउटपुट
3 आकार में बडे और अधिक उर्जा खपत
4 त्रुटि होने की संभावना भी अधिक तथा संचालन खर्चीला
काम था
5 निर्वात टयुब गर्म होने के कारण अत्यधिक उष्मा
पैदा होती थी जिसे
ठंडा रखने के लिए एस
सी की अवश्यकता होती है।
उपयोग—
1 मुख्यतया वैज्ञानिक बाद में सामान्य व्यापार
सिस्टम
कम्प्युटर— ENIAC ,UNIVAC, MARK1 आदि।
नेाट-- 1952 में डॅा0 ग्रेस हापर द्वारा असेम्बली भाषा का अविष्कार
से प्रोग्राम लिखना कुछ आसान हो गया।
द्वितीय जेनेरेशन या द्वीतीय पीढी का कम्प्युटर ( 1956 से लेकर 1964)
वर्ष-
1956 से 1964
स्विचिंग डिवाइस—ट्रांजिस्टर
स्टोरेज डिवाइस—मैग्नेटिक कोर टैक्नोलाजी
गति— 10 माइक्रो सेकण्ड
आपरेटिंग सिस्टम— मल्टी बैग,रिमेनिंग,टाइम शेयरिंग
भाषा— एसेम्बली भाषा,उच्च स्तरीय
विशेषताएं—
1 ट्रांजिस्टर का उपयोग आरम्भ
2 आकार व ताप मे कमी
3 तीव्र और
विश्वसनीय
4 कम विधुत खपत करने वाले
उपयोग—
1 व्यापक व्यावसायिक प्रयोग
2 इंजीनियरिंग डिजाइन
3 इनवेन्टरी फाइल का अपडेशन
कम्प्युटर—IBM1401 ,UNIVAC, PDP आदि।
साफ्टवेयर में कोबोल(COBOL Common Business Oriented Language) और फोरट्रान (FORTRAN Formula Translation) जैसे उच्च स्तरीय भाषा का
विकास आईबीएम द्वारा किया गया । इससे प्रोग्राम लिखना आसान हुआ।
ट्रांजिस्टर का अविष्कार
1947 मे बेल लैबोरेटरीज के जान वारडीन,विलियम शाकले तथा वाल्टर ब्रेटन ने किया । अर्द्धचालक पदार्थ
सिलिकान या जर्मेनियम का बना ट्रांजिस्टर एक तीव्र स्विचिंग डिवाइस है।
तृतिय जेनरेशन या तृतिय पीढी
का कम्प्युटर ( 1965 से लेकर 1975 तक)
वर्ष—1965 से 19575
स्विचिंग डिवाइस— इण्टिग्रटेड सर्किट(आइ0सी0)
स्टोरेज डिवाइस—मैग्नेटिक कोर
गति— 100 नैनो सेकण्ड
आपरेटिंग सिस्टम— वास्तविक समय/टाइम शेयरिंग
भाषा— फोरट्रान,कोबोल,पास्कल,बेसिक आदि।
विशेषताएं—
1 चुम्बकीय कोर और सालिड स्टेट मुख्य भण्डारण
के रूप में उपयोग।
2 रिमोट प्रोसेसिंग
3 इनपुट आउटपुट को नियन्त्रित करने के लिए साफ्टवेयर
उपलब्ध
4 की-बोर्ड व मानिटर का प्रयोग
प्रचलित
5 रैम का प्रयोग कर कम्प्युटर की गति मे वृद्धि
हुई।
उपयोग—
1 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम,आनलाइन सिस्टम, रिजर्वेशन सिस्टम
आदि।
2
हार्डवेयर और साफ्टवेयर की अलग-अलग बिक्री प्रारंभ ।
कम्प्युटर— IBM system 360, NCR 395, B6500, पीडीपी 11 आदि।
1965में डीइसी द्वारा प्रथम व्यावसायीक मिनी
कम्प्युटर पीडीपी-8 का विकास किया गया।
आइ0सी0 का विकास 1958 मेंजैक किल्व्ी तथा
राबर्ट नोयी द्वारा किया गया । सिलिकान की सतह पर बने इस प्रौधोगिकी को माइक्रो इलेक्ट्रानिकस
का नाम दिया गया। ये चिप अर्धचालक पदार्थ सिलिकान या जर्मेनियम के बने होते है।
चतुर्थ जेनरेशन या चतुर्थ पीढी का कम्प्युटर( 1976 से 1989
तक)
वर्ष—1976 से 1989
स्विचिंग डिवाइस—बडे पैमाने पर इंटिग्रेटेड सर्किट/माइक्रो
प्रोसेसर्स
स्टोरेज डिवाइस— सेमीकंडक्टर मैमोरी,विचेस्टर डिस्क
गति— 300 नैनो सेकण्ड
आपरेटिंग सिस्टम— टाइम शेयरिंग नेटवर्क्स
भाषा—फोरट्रान 77, पास्कल,एडीए,कोबोल-74
विशेषताएं—
1 मिनी कम्प्युटर के उपयोग में वृद्धि।
2 भिन्न भिन्न हार्डवेयर निर्माता के यन्त्रों
के बीच एक अनुकूलता
ताकि
उपभोक्ता किसी एक विक्रेता से बांधा न रहे।
3 माइक्रो प्रोसेसर के इस्तेमाल से अत्यंत छोटा
और हाथ में लेकर
चलने
योग्य कम्पयुटरो का
विकास
4 माइक्रो प्रोसेसर का विकास एम ई हैाफ ने 1971
में किया । इससे
व्यक्तिगत कम्प्युटर
का विकास हूआ।
5 उच्च गति वाले कम्प्युटर नैटवर्क जैसे लैन व वैन का विकास
हुआ।
6 समान्तार कम्प्युटिंग तथा मल्टीमीडीया का
प्रचलन प्रारंभ हुआ।
7 1981 में आईबीएम ने माइक्रो कम्प्युटर का विकास
किया जिसे
पीसी
कहा गया।
8 आपरेटिंग सिस्टम में एम एस डास माइक्रोसाफ्ट
विण्डोज तथा
एप्पल
आपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ।
9 उच्च स्तरीय भाषा में सी भाषा का विकास हुआ
जिसमें प्रोग्रामिंग
सरल था।
उपयोग—
1 इलेक्ट्रानिक फण्ड ट्रांसफर,व्यावसायिक उत्पादन और व्यक्तिगत
उपयोग।
कम्प्युटर— IBM ,PC-XT, Apple2, intel4004 chip आदि।
मूर के नियम के अनुसार प्रत्येक 18 माह मे चिप में उपकरणेा
की संख्या दुगनी हो जाएगी।
युएलएसआई मेंएक चिप पर एक करोड इलेक्ट्रानिक डिवाइस बनाये जा
सकते है।
पंचम जेनरेशन या पंचम पीढी का कम्प्युटर ( 1990 से लेकर अभी
तक)
वर्ष—1990 से लेकर अभि तक
स्विचिंग डिवाइस—बडे पैमाने पर इंटिग्रेटेड सर्किट
स्टोरेज डिवाइस— आप्टिकल डिस्क
गति— 300 नैनो सेकण्ड
आपरेटिंग सिस्टम— नालेज इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग सिस्टम
भाषा—फोरट्रान 77, पास्कल,एडीए,कोबोल-74
विशेषताएं—
1 आर्टिफिशियल इण्टेलिजेंस
2 मल्टीमीडिया व एनिमेशन की शुरूवात
3 सोशल मीडिया का विकास
4 इंटरनेट मे ईमेल,डब्लू डब्लू डब्लू का विकास
हुआ।
उपयोग—
1 इंफोर्मेशन मैनेजमेण्ट नेचुरल लैंगवेज, प्रोसेसिंग स्पीच कैरेक्टर,इमेज
रिकॉगनिशन।
कम्प्युटर— IBM नोट ,PC-XT, Apple2, intel4004 chip,सुपर कम्पयुटर आदि।
आलु के चिप्स के आकार के होने के कारण इण्टीग्रेटेड सर्किट
को चिप नाम दिया गया ।
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