सीएमएस की फुल
फॉर्म (cms full form in
hindi)
सीएमएस (cms) एक शार्ट फॉर्म है जिसका फुल फॉर्म कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम
(cms – content
management system) होता है।
सीएमएस क्या करता
है? (function of cms in
hindi)
सीएमएस का काम
वेबपेज के कंटेंट के निर्माण और संशोधित करने के लिए एक आसान यूजर इंटरफ़ेस प्रदान
करना है। सीएसम एक वेब
डिजाइन टूल भी प्रदान करता है, जो एक या अधिक
यूजर को वेब पर अपडेट लाइव प्रकाशित करने की अनुमति देता है। यह वेब डेवलपमेंट
प्रक्रिया को आसान करता है। एक वेबसाइट को
तेजी से बनाने में मदद करता है।सीएमस किसी भी
कंटेंट को बदले बिना, एक पूर्ण टेम्पलेट का समर्थन देता है। इसका उपयोग करना
आसान है।यह SEO फ्रेंडली URL देता है।
यह ऐसा एडमिन
पैनल उपलब्ध करवाता है जिसमे बहुत सारी
भाषा उपलब्ध होती है। Content management system (CMS) एक ऐसा सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो कि डिजिटल कंटेंट को बनाने और उसे मैनेज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. या यूं कहें कि आप content management system (CMS) की मदद से वेबसाइट पर आ सकते हैं चाहे आपको कोडिंग की जानकारी हो या ना हो इसमें आपको ऐसे टूल दिए जाते हैं जिनकी मदद से आप बहुत ही आसानी से और जल्दी वेबसाइट बना सकते हैं.
कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम ज्यादातर एंटरप्राइज कंटेंट मैनेजमेंट (ECM) और वेब कंटेंट मैनेजमेंट (WCM) के लिए उपयोग किया जाता है. एंटरप्राइज कंटेंट मैनेजमेंट (ECM) और वेब कंटेंट मैनेजमेंट (WCM) के दो कंपोनेंट होते हैं कंटेंट मैनेजमेंट एप्लीकेशन (CMA) और कंटेंट डिलीवरी एप्लीकेशन (CDA) . कंटेंट मैनेजमेंट एप्लीकेशन एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस होता है जोकि बिना HTML के जानकारी के यूजर को वेबसाइट ,डिजाइन , क्रिएट मोडिफिकेशन और कंटेंट हटाने का कंट्रोल देता है . कंटेंट मैनेजमेंट एप्लीकेशन में कंटेंट क्रिएट होने के बाद में कंटेंट को मैनेजमेंट और डिलीवरी सपोर्ट देने के लिए कंटेंट डिलीवरी एप्लीकेशन बैक एंड सर्विस देता है.
सीएसम के प्रकार
(types of cms in hindi)
1. वेब कंटेंट
मैनेजमेंट सिस्टम (web
content management system in hindi):
संगठन जो अपनें
अधिकांश कंटेंट इंटरनेट पर वितरित करते हैं। कंपनियां जो पेपर निर्देशों के बजाय
ई-गाइड का उपयोग करती हैं,
उदाहरण के लिए, पुराने उत्पाद मैनुअल अपडेट करने के साथ-साथ नए गाइड विकसित
करने के लिए डब्लूसीएमएस का उपयोग कर सकते हैं।
2. डिजिटल एसेट
मैनेजमेंट सिस्टम (digital
asset management system in hindi):
यह सामग्री
प्रबंधन सॉफ्टवेयर ग्राफिक और मल्टीमीडिया प्रबंधन को समर्पित है – पाठ नहीं। ग्राफिक डिज़ाइन, फोटोग्राफी और फिल्म कंपनियां अक्सर एक डिजिटल मैनेजमेंट
सिस्टम से लाभान्वित होती हैं क्योंकि वे विशेष रूप से इसी से सम्बंधित कार्य करते
हैं।
3. दस्तावेज़
प्रबंधन प्रणाली (document
management system in hindi):
यह सामग्री के
विवरण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, यह फ़ाइल स्तर
(उदाहरण के लिए, वर्ड या पीडीएफ दस्तावेज़) पर सामग्री पर
केंद्रित है।
यह, उदाहरण के लिए, दस्तावेजों को
संशोधित करने वाले को ट्रैक करता है, लेकिन यह भी
नियंत्रित करता है कि दस्तावेज़ को एक्सेस और अपडेट कौन कर सकता है। ब्रांडिंग
दिशानिर्देश जैसे आवश्यक सामग्री सुनिश्चित करने के लिए कई संगठन इसका का उपयोग
करते हैं।
4. एंटरप्राइज़
कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम (enterprise
content management system in hindi):
इस प्रकार की
सामग्री प्रबंधन प्रणाली सामग्री के प्रबंधन के लिए वैश्विक दृष्टिकोण लेती है। यह
आपके ईमेल, दस्तावेज़, त्वरित संदेश, और अन्य
इलेक्ट्रॉनिक फ़ाइलों को संभाल सकता है।
निगम और बड़े
संगठन इसका अपनी सामग्री को मजबूत करने और नए आंतरिक दस्तावेजों के साथ-साथ अपने
ग्राहकों के लिए सामग्री के उत्पादन के लिए अपनी उत्पादकता में सुधार करने के लिए
भरोसा करते हैं।
सीएमएस के कुछ
सॉफ्टवेयर (cms software
in hindi)
1. वर्डप्रेस (wordpress in hindi)
वर्डप्रेस
निश्चित रूप से दुनिया का सबसे लोकप्रिय सीएमएस है। एक विशिष्ट सीएमएस की तुलना
में लिपि ब्लॉग पर आधिक केंद्रित ब्लॉग है।
इसे आधुनिक रूप
से बनाया गया है और इसे हजारों प्लगइन्स मिल जाते
हैं। यह ओपन सोर्स के रूप में लिपि अधिकांश ब्लॉगर्स की पहली पसंद है, लेकिन इसे सरल वेबसाइटों को डिजाइन करने के लिए आसानी से
उपयोग किया जा सकता है।
यह छोटे वैब साइट के लिए बहुत उपयुक्त होती है। यह क्रमबद्ध वैबसाइट होती है। यह सरल प्रणाली है जिसको आसानी से विकसित किया जा सकता है। इसमें काफी थीम्स (Themes) होती है जो प्रत्येक की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती हैं।
एच. टी. एम. एल. (HTML) व सी. एस. एस. (CSS) की जानकारी रखने वालों के लिए इन थीम पर अपना मनचाहा रंग व अपना लोगो (Logo) लगाना बहुत सरलता का काम है। यद्यपि वर्डप्रेस को अन्य प्रणालियों की भाँति कठिन साइटों पर कार्य करने के हिसाब से नहीं आंका जा सकता परंतु इसमें इमेज का विकास व एडिटिंग (Editing), टेक्स्ट (Text) एवं मोड्यूलों पर मल्टी एड (Multi add) आसानी से किया जाता है। यह यूजर रोल (User roles) में भिन्नता (Differentiation) करने के लिए सीमित सहारा प्रदान करता है। कंटेन्ट के प्रकार पर आधारित आज्ञा (Permission) के लिए एड-ऑन (add-on) की सुविधा उपलब्ध हैं।
वर्डप्रेस के फायदे
1. यह बहुत सरल है इसलिए इसके प्रयोग के लिए HTML तथा PHP आदि के ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती। इसमे उपलब्ध टेम्प्लेटस की सहायता से साधारण व्यक्ति भी वैब साइट बना सकता है।
2. सपोर्ट (Support)-वर्डप्रेस पर काम करने में कोई परेशानी आने पर इसके dissension board से सपोर्ट लिया जा सकता है। 3. प्लगिन्स (Plugins)-वर्डप्रेस में 10,000 से भी ज्यादा Plugins मुफ्त में उपलब्ध हैं।
4. टेम्प्लेट्स (Templates)-वैब साइट के पेजों को अच्छा Look देने के लिए इसमें हजारों ग्राफिक्स टेम्प्लेट हैं।
5. मैन्यु प्रबंधन (Menu Management)-वर्डप्रेस में Menus की Category, subcategory आदि बनाई जा सकती है।
वर्डप्रेस के नुकसान
1. वैबसाइट के ऑपरेशनों (Operations) में बदलाव (modification) करने के लिए PHP की जरूरत पड़ती हैं।
2. पहले से दिए हुए ग्राफिक्स टेम्प्लेटों में बदलाव के लिए HTML एवं CSS के बारे में जानकारी आवश्यक है।
3. वैब साइट की डाटाबेस में कनेक्टिविटी करने के लिए SQL का ज्ञान आवश्यक है।
2. जूमला (joomla cms in hindi)
यह एक खुला स्रोत
सामग्री प्रबंधन प्रणाली आधुनिक और गतिशील वेबसाइट बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
साइट चलाने वाले व्यक्ति के लिए सामग्री प्रबंधन को आसान बनाने के लिए जूमला आपकी
वेबसाइट को MySQL,
MySQLi या PostgreSQL का उपयोग करके डेटाबेस से जोड़ता है।
जूमला हमेशा
उपयोग करने में आसान होने और व्यापक रूप से निर्मित होने की क्षमता रखने का
प्राथमिक ध्यान रहा है। 2005 के बाद से, जूमला ने
प्रतिष्ठित पैकेट ओपन सोर्स कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम अवॉर्ड सहित कई पुरस्कार और
प्रशंसा जीती है।
जूमला का प्रयोग विभिन्न एप्लेिकेशन बनाने में किया जाता है। जूमला का आरम्भ 2005 में हुआ। इसका नाम ओपन सोर्स मैटर (Open Source Matter) था जो बिना लाभ के संगठन के रूप में जाना जाता था। जूमला का मतलब है सभी का साथ या सम्पूर्ण। जूमला वैब साइट में बहुत से अच्छे व उपयोगी फंक्शन की जानकारी देता है। जूमला का प्रयोग कॉर्पोरेट द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वैब साइट बनाने के लिए किया जाता है। जूमला की प्रोग्रामिंग भाषा PHP, SQL, MySQL, HTML या CSS कोई भी हो सकती है। इसमें जावा स्क्रीट का भी प्रयोग किया जाता है। यह एक ऐसा प्लेटर्फाम सॉफ्टवेयर है जो दूसरे प्लेटर्फाम जैसे विन्डोज, Max OSX और Linux पर भी काम कर सकता है।
जूमला निम्न तीन लेयर्स से तैयार की जाती है।
1.एक्सटेंशन लेयर (Extension layer)
ये तीनों लेयर मिलकर एक लचीला एवं विस्तारित जूमला CMS सॉफ्टवेयर बनाती है।(i) एक्सटेंशन लेयर (Extension layer)-इस लेयर में जूमला कोड विकसित होता है। यह एप्लिकेशन एवं फ्रेमवर्क लेयरों को लचीलापन प्रदान करती है। इसमें मॉडयूल एवं टम्प्लेट दो अवयव होते हैं। मॉडयूल जूमला साइट के विभिन्न भागों का एक विस्तृत रूप है। यह साइट के कंटेन्ट एवं जूमला वेबसाइट पर किए जा सकने वाले कार्यों को प्रदर्शित करता है। मोड्यूल के उदाहरण निम्न हैं.
पोल मोड्यूल (Poll module)
मैन्यु मोड्यूल (Menu module)
ताजा समाचार मोड्यूल (Latest news module)
अवयव (Elements)-ये जूमला का ही जूमा मौलिक विस्तारण (Fundamental extension) कहते हैं। ये जूमला में होने वाले फलनों (Functionalities) के बारे में बताते हैं। उदाहरण-फॉर्म (Forums), फीड (Feed), आदि।
टेम्प्लेट्स (Templates)-जूमला वैब साइट की प्रदर्शिता को नियंत्रित करते है। ये साइट के मोड्यूलों के स्थान के विकास के लिए भी प्रयोग किए जाते हैं।
एप्लिकेशन लेयर (Application layer)
एप्लीकेशन लेयर (Application Layer)-जूमला, फ्रेम वर्क (Frame work) के विस्तार के लिए प्रयोग की जाती है। इसके अन्तर्गत जे-इन्सटालेशन (J-installation), जे, एडमिनिस्ट्रेशन (J-administration), जे,-साइट (J-site) और एक्स. एम. एल.-आर. पी. सी. (XML-RPC) आते हैं। जे-इन्सटालेशन (J-installation) का कार्य वैब सर्वर पर जूमला को इन्सटाल (Install) करना होता है। यह एक फोल्डर की भाँति होता है जो जूमला इन्सटाल (Install) के बाद डिलीट (Delete) हो जाता है।
फ्रेमवर्क लेयर (Framework layer)
यह लेयर, फ्रेमवर्क, लाइब्रेरी व प्लगइन (Plugin) की बनी होती हैं। फ्रेमवर्क जूमला की संरचना का मुख्य भाग हैं। यह मॉडर्न ऑब्जेक्ट ऑरियेन्टेड डिजाइन (Modern object oriented design) पर आधारित होता है जो जूमला कोर को निर्वाह व बढ़ाने योग्य (Maintain and extensible) बनाने के लिए उत्तरदायी होता है।
3. ड्रुपल (drupal cms in hindi)
यह वैश्विक
उद्यमों, सरकारों, उच्च शिक्षा
संस्थानों और एनजीओ के बीच वेब सामग्री प्रबंधन के लिए बेहतरीन मंच है। लचीला और
उच्च स्केलेबल, कई उपकरणों में कई भाषाओं में एक एकल वेब साइट
या शेयर सामग्री प्रकाशित करते हैं।
प्रौद्योगिकी और
व्यापारिक नेता सामग्री प्रबंधन को शक्तिशाली डिजिटल समाधानों में ड्रपल के साथ
बदला जा सकता है।
यह लचीला व शक्तिशाली होता है जिसका चयन बहुत कठिन साइटों (Sites) के लिए किया जाता है। यह साइटों की संरचना के कई प्रकारों को सपोर्ट (Support) करता है। आप इसमें अपनी जरूरत के अनुसार विस्तृत नियम निर्धारित कर सकते हो। इसमें आप कंटेन्ट के प्रदर्शन के स्थान पर कंटेन्ट का प्रकार भी निर्धारित कर सकते हों। यह वैब 2.0 (web 2.0) व कम्यूनिटी फंक्शनों (community functions) को मजबूती से सपोर्ट करती है। इसके द्वारा कंटेन्ट एडमिनिस्ट्रेटर का प्रयोग करके कंटेंटों की खोज आसानी से की जा सकती है।
Great Post!
ReplyDeletecontent management software
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