टीडीएस एक तरह का इनकम टैक्स है, जोकि इनकम मिलते समय कंपनी द्वारा काटा जाने वाला टैक्स है , इसे हम एक तरह से एडवांस्ड टैक्स कह सकते है जिसमे सरकार हमे मिलने वाली राशी का कुछ हिस्सा अपने पास रख लेती है , यहा आप ध्यान दे की सरकर टैक्स को सुरछित अपने पास रखती है, अर्थात अभी हमारा कोई टैक्स नही लगा है| अब आप सोचने लंगेग की सरकार क्यों हमारा पैसा अपने पास रखेगी? तो सरकार ऐसा इसलिय करती है ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके |
और जब हमारा प्रीवियस इयर पूरा हो जाता है(वह बर्ष जब हमारे द्वारा कमाए गये पेसो पर टैक्स कैलकुलेट होता है ) और फिर उसे असिस्त्मेंट इयर ( वह वर्ष जब हमे कैलकुलेट टैक्स को भरना होता है ) तब हमारे द्वारा भरे जाने वाले टैक्स में से वह राशी कम कर दी जाती है, जो सरकार दुवापहले ही ली जा चुकी है| अगर इस साल हमारा कोई भी टैक्स कैलकुलेट नही हुआ है तो, जो टीडीएस सरकार के पास जमा है वो टैक्स सरकार द्वारा वापस हमे मिल जाता है|
उदाहरण : आशा ट्रेडर्स कंपनी का Previous year में TDS 25000/- कटा जोकि सरकार के पास सुरछित है, और Previous Year में इनकम टैक्स 60000/- कैलकुलेट हुआ तब आशा ट्रेडर्स को Income Tax केवल 60000-25000= 35000/- शेष 35000/- ही देना रहेगा
और यदि आशा ट्रेडर्स का इनकम टैक्स 10000/- ही कैलकुलेट हुआ तो
सरकार दुआर आशा ट्रेडर्स को 10000-25000= -15000/- अर्थात 15000 रूपए सरकार को आशा ट्रेडर्स को वापस करना होगा यानी की आशा ट्रेडर्स को कोई भी टैक्स नही देना होगा |
चलिए देखते है इसे टैली में कैसे करे -
1.)सबसे पहले
कम्पनी ओपन करेंगे
2.) इसके बाद कीबोर्ड
पर F11 और फिर F3 की दबाकर "Enable Tax Deducted at
source" आप्शन को YES कर लेंगे
और इसी के निचे
दिए आप्शन "Set/Alter TDS Details को YES करकर डिटेल्स भर देंगे
जैसा इस चित्र में दिखाया गया हैं –
"Set/Alter Details of Responsible Person" ? YES करेंगे यहाँ हमे उस व्यक्ति की डिटेल्स देनी है
जो कम्पनी में जिमेदार होगा टैक्स काटने में, उस व्यक्ति की सारी डिटेल्स भर देंगे जैसे चित्र में दिखाया
गया है –
याद रहे, कम्पनी बनाते समय एड्रेस इंडिया सेलेक्ट हो
वरना यहाँ ये आप्शन दिखाई नही देगा
3.) इतना होने के बाद
इस सब को सेव कर लेंगे
4.) अब एंट्री करने
के लिए हमे अकाउंट ओपन करने होंगे मान लीजिये राम से हमने माल ख़रीदा तो अब उसे हम
पेमेंट करने वाले है तो उसका पेमेंट अमाउंट 40000 रूपए है जो की टीडीएस के दायरे में आता है तो हम इस राशी पर
टीडीएस काट कर रमेश को पेमेंट करेंगे ऐसा करने के लिए हमे निम्न चरण दोहराने होंगे
–
सबसे पहले एकाउंट्स इन्फो में जाकर लेजर क्रिएट करेंगे
जो कुछ इस प्रकार
होगा
पहला लेजर राम का
बनाया गया है –
इसके बाद दूसरा लेजर कमीशन का बनाया जायेगा जो इस
प्रकार होगा
और NEW
Categories कुछ इस तरह बनाई जाएगी
यहाँ कमीशन के हिसाब से आपको टीडीएस परसेंटेज और एक्ट सेलेक्ट करना होगा सैलरी पर
अलग रेंट पर अलग और कमीशन पर अलग होगा यहाँ हमने कमीशन पर बनाया है आप अपनी एंट्री
के हिसाब से दूसरा बना सकते है –
और फिर तीसरा
लास्ट लेजर बनाया जायेगा जोकुछ इस प्रकार
होगा
लेजर ओपन होने के बाद एकाउंटिंग वाउचर में एंट्री करेंगे
जर्नल वाउचर (F7)
में पहले कैलकुलेशन करंगे जो कुछ इस प्रकार
होगी –
यहाँ आप देखंगे की राम को जब हमने 40000 का पेमेंट दिया तो अपने आप ही उसके खाते में 4000 रूपए कम हो गये जो टीडीएस के रूप में जमा हो गये और राम को 36000 रूपए का पेमेंट होगा |
पेमेंट करने के
लिए पेमेंट वाउचर में जाकर एंट्री करेंगे जो इस
प्रकार होगी
और अंत में हमारे द्वारा कटा गया टैक्स टीडीएस की
एंट्री भी पेमेंट वाउचर F5 में कर देंगे
करने के लिए पेमंट वाउचर में Alt + S दबाकर डिटेल्स भर देंगे जो इस प्रकार होंगी
या फिर आप डायरेक्ट टीडीएस लेजर लेकर भी एंट्री कर सकते है |
जिसके बाद इसकी
रिपोर्ट डिस्प्ले में Statutory Report में TDS रिपोर्ट्स में
देख लेंगे
टीसीएस का फुल फॉर्म
टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स होता है। ये टैक्स मोटर व्हीकल के रिटेल खरीद और बिक्री पर
लगे गा। सी बी डी टी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज ) ने इनकम टैक्स एक्ट 1961
के सेक्शन 206 का दायरा बढ़ा कर इस टैक्स को लागु किया गया है।
Fringe Benefit Tax (FBT) in Tally
RSMSSB Computer Instructor
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