भारत मे कम्प्युटर कब आया
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भारत में सबसे पहले कंप्यूटर सन , 1952 में Dr.Dwijish Dutta द्वारा कोलकाता में भारतीय विज्ञान संस्थान के अन्दर लाया गया था जो एक एनालोंग
कंप्यूटर था और | उसके बाद बेंगलूर में भारतीय विज्ञान
संस्थान में एक एनालोग कंप्यूटर लगाया गया था
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19वीं शताब्दी के
उत्तरार्ध और 20वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी
देशों की तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक
और सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया, जिसे
औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) कहा गया। धीरे-धीरे
ये क्रांति पूरे विश्व में फैल गई। 1844 में “औद्योगिक क्रांति” शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम
आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक “लेक्चर्स ऑन दी इंड्स्ट्रियल
रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड” में किया था।
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1952 में भारत में
कंप्यूटर युग की शुरुआत भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical
Institute) कोलकाता से हुई। इस आईएसआई में स्थापित होने वाला
पहला एनालॉग कंप्यूटर भारत का प्रथम कंप्यूटर था। यह कंप्यूटर 10 X 10 की मैट्रिक्स को हल कर सकता था। इसी समय भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु
में भी एक एनालॉग कंप्यूटर स्थापित किया गया था, जिसका
प्रयोग अवकलन विश्लेषक के रूप में किया गया। इसके बाद 1956 में भारत के आईएसआई कोलकाता में भारत का प्रथम इलेक्ट्रोनिक डिजिटल
कंप्यूटर HEC – 2M स्थापित किया गया और इसके साथ ही भारत
जापान के बाद एशिया का दूसरा ऐसा देश बन गया, जिसने
कंप्यूटर तकनीक को अपनाया था।
v वास्तव में HEC - 2M का निर्माण
भारत में न होकर इंग्लेंड में हुआ था। जहां से इसे आयात करके आई एस आई में स्थापित
किया गया था। इसका विकास एंड्रयू डोनाल्ड बूथ द्वारा किया गया था जो उस समय लंदन
के बर्कबैक कोलेज में कार्यरत प्रोफ़ेसर थे | यह कंप्यूटर 1024
शब्द की ड्रम मेमोरी युक्त एक 16 बिट का
कंप्यूटर था जिसका संचालन करने के लिए मशीन भाषा का प्रयोग किया जाता था तथा इनपुट
और आउटपुट के लिए पंच कार्ड्स का प्रयोग किया जाता था लेकिन बाद में इसमे प्रिंटर
भी जोड़ दिया गया |
v सन 1958 में आई एस आई में
युआरएएल नामक एक अन्य कंप्यूटर स्थापित किया गया जो आकार में HEC - 2 M से भी बड़ा था। इस कंप्यूटर को रूस से खरीदा गया था। यह नाम वास्तव में
रूस की एक पर्वत श्रृंखला का नाम है और चूँकि यह कंप्यूटर भी रूस से खरीदा गया था,
इस कारण से इस कंप्यूटर को यह नाम दिया गया | यह
कंप्यूटर क्षेतिक मैग्नेटिक टेप युक्त एक 32 बिट कंप्यूटर था,
जिसमे इनपुट के रूप में पंच कार्ड्स तथा आउटपुट के रूप में प्रिंटर
का प्रयोग किया जाता था।
v 1966 में भारत का पहला कंप्यूटर ISIJU विकसित किया
गया। इस कंप्यूटर को दो संस्थाओं भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian
Statistical Institute) और कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur
University) ने मिल कर तैयार किया था। इसी कारण इसे ISIJU
नाम दिया गया। ISIJU एक ट्रांजिस्टर
युक्त कंप्यूटर था। इस कंप्यूटर का विकास भारतीय कंप्यूटर तकनीक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
था। यद्यपि यह कंप्यूटर व्यवसायिक कम्प्यूटिंग आवश्यकताओं को पूर्ण नहीं करता था,
जिस कारण से इसका प्रयोग किसी विशिष्ट कार्य के लिए नहीं किया
गया। इसके बाद 90 के दशक में भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर
‘ परम 8000 ‘ का विकास किया गया,
जिसका अर्थ था, parallel machine, जो कि
आज सुपर कंप्यूटर की एक श्रृंखला है। परम का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया गया।
बायोइन्फ़ोर्मेटिक्स, मौसम विज्ञान और रसायन शास्त्र के
क्षेत्र में सुपर कंप्यूटर लोगों की पहली पसंद बन गया। यद्यपि पर्सनल कंप्यूटर के
आ जाने के कारण आज भारत के घरों में, कार्यालयों में
पर्सनल कंप्यूटर ही प्रयोग किया जाता है, हालाँकि एनालॉग,
मेनफ्रेम तथा सुपर कंप्यूटर ने भारत को एक विकासशील देश बनाने
में अमूल्य योगदान दिया है।
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HEC - 2M तथा URAL दोनों ही वैक्यूम ट्यूब युक्त
कंप्यूटर थे जबकि ISIJU एक ट्रांजिस्टर युक्त कंप्यूटर
था। इस कंप्यूटर का विकास भारतीय कंप्यूटर तकनीक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था,
यद्यपि यह कंप्यूटर व्यवसायिक कम्प्यूटिंग आवश्यकताओं को पूर्ण
नहीं करता था जिस कारण से इसके द्वारा कोई विशिष्ट कार्य नहीं किया गया |
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